भारतीय नौसेना और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के साझा अभियान में पोरबंदर के तट के क़रीब लगभग 3300 किलोग्राम ड्रग्स ज़ब्त किया है.
भारतीय नौसेना ने सोशल मीडिया वेबसाइट एक्स पर इस ऑपरेशन से जुड़ी जानकारी साझा की है. नौसेना ने बताया है कि इस ऑपरेशन में 3089 किलो ग्राम चरस, 158 किलो ग्राम मेथम्फेटामाइन और 25 किलो ग्राम मॉर्फीन ज़ब्त की गयी है.
भारतीय नौसेना के मुताबिक़, सर्विलांस मिशन पर लगे P8I LRMR एयरक्राफ़्ट से मिले इनपुट्स और नारकोटिक्स ब्यूरो की ओर से की गयी पुष्टि के आधार पर भारतीय नौसेना के जंगी जहाज़ को संदिग्ध जहाज़ की ओर भेजा गया. इसके कुछ समय बाद भारतीय जंगी जहाज़ ने संदिग्ध जहाज़ को पकड़कर इतनी भारी मात्रा में ड्रग्स ज़ब्त किया. नौसेना ने बताया है कि मात्रा की दृष्टि से यह ड्रग्स की सबसे बड़ी बरामदगी है.
संदिग्ध जहाज़ को गुजरात के तट के पास समुद्री सीमा रेखा के क़रीब रोका गया था. इसके बाद 27 फरवरी को ही नशीली दवाओं के साथ ज़ब्त किये गये जहाज़ और उसके चालक दल को भारतीय बंदरगाह के क़रीब क़ानून व्यवस्था संभालने में लगी एजेंसियों को सौंप दिया गया है.
सोशल मीडिया वेबसाइट एक्स पर इस ऑपरेशन से जुड़ी जानकारी एक महत्वपूर्ण और प्रेरणादायक कदम है जो नशा माफियाओं के खिलाफ लड़ाई में लिया गया है। इस ऑपरेशन में ज़ब्त की गई मात्रा के अनुसार, यह स्पष्ट रूप से एक महत्वपूर्ण और सफल पहल है जो भारत की समुद्री सीमा को सुरक्षित और नशा मुक्त बनाने के प्रयासों को दिखाता है।
इस ऑपरेशन में चरस, मेथम्फेटामाइन, और मॉर्फीन जैसी विभिन्न प्रकार की नशीली दवाओं की बड़ी मात्रा को ज़ब्त किया गया है, यह नशीली दवाएँ समुद्री रास्ते से भारत में लाई जा रही थीं, जो एक सीरियस सुरक्षा खतरा पैदा करती हैं!
इस तरह के अभियान और ऑपरेशन न केवल नशे के व्यापार को रोकने में मदद करते हैं, बल्कि साथ ही साथ नशे का संबंधित अपराधों को भी कम करने में सहायक होते हैं।
भारतीय नौसेना की सक्रियता और साहस का समर्थन करते हुए, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एनसीबी, नौसेना और गुजरात पुलिस को और संबंधित एजेंसियों को उनकी उपलब्धियों के लिए बधाई दी है। इस ऑपरेशन के माध्यम से सरकार और संबंधित एजेंसियों ने अपनी प्रतिबद्धता को दिखाया है कि वे नशे के विपरीत प्रभावों को रोकने के लिए कितने समर्थ हैं।
भारतीय नौसेना के द्वारा प्रदर्शित साहस और संगठन शीलता का एक उत्कृष्ट उदाहरण सामने आया है।
एक सही और निष्पक्ष सरकारी नीति के माध्यम से, भारत समाज में नशे के विपरीत प्रभावों को कम करने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके लिए भारतीय सरकार और उसकी एजेंसियों को समुद्री सीमा के कदमों को मजबूत करने, नशा तस्करी को रोकने और नशे की दवाओं को बाजार से हटाने के लिए और भी अधिक कठोर उपाय अपनाने की आवश्यकता है।
इस सफल ऑपरेशन से प्रेरित होकर, हमें और भी व्यापक प्रयास करने चाहिए ताकि हम समुद्री सीमा को नशे के खिलाफ एक मजबूत कदम बनाएं और साथ ही साथ नशा तस्करी के खिलाफ एक सशक्त और सही उत्तर प्रणाली को भी विकसित करें।
इस तरह की साझा पहल के माध्यम से, हम सभी को साथ मिलकर नशा मुक्त भारत की दिशा में एक सकारात्मक कदम बढ़ाने का अवसर मिलता है। इस तरह के अभियान से नहीं सिर्फ नशे के व्यापार को रोका जा सकता है, बल्कि उसके प्रभावों से प्रभावित होने वाले लोगों को भी एक सुरक्षित और स्वस्थ भविष्य का मार्ग प्रदान किया जा सकता है।
इस सफल ऑपरेशन के लिए सभी संबंधित एजेंसियों, नौसेना, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो, और गुजरात पुलिस को हार्दिक बधाई और धन्यवाद दिया जाना चाहिए। उनके संघर्ष और प्रयासों से, हम सभी को नशा मुक्त भारत की दिशा में एक कदम आगे बढ़ने का अवसर मिलता है।